सांझ का गीत (अहो अहो सांझा गोसाई) | Saanjh ka geet

सांझ का गीत को कुलदेवता गीत के नाम से भी जाना जाता है। विवाह सामरोह मे सबसे पहले कुलदेवता गीत ही गाया जाता है।

यह गीत आमतौर पर सायं मे गाया जाता है इसलिए इसे सांझ का गीत कहा जाता है।इसके बाद ही विवाह के सब सामरोह होता है। यहाँ पर आपको सभी विवाह गीत पढ़ने को मिलेगा।

सांझ का गीत

सांझ का गीत लिखा हुआ | कुलदेवता गीत लीरिक्स

अहो अहो सांझा गोसाई केहु केहु तुही नव ….2
इंन्द्र गोविन्द महेन्द्र येहो तीनो तुही नव ।
तीनों मिली भगत के आगर हांथ जऊर कइले जाय ….2 ।
तीनों मिली देह आशीष युग जीअ चीर जीअ ।
युग जीअ चीर जीअ श्री रामचन्द्र
सुहाग बढे सीता देई के ….2 ।
जेही घर बहुआ सुलक्षण सांझ ही दीप बरे …2 ।
पहिला ही बारीह लक्ष्मी घर तब रे रसोईया घर …..2 ।
लाल पीअर पहिन शंखा चुड़ी अभरण …2 ।

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Saanjh geet lyrics | कुलदेवता गीत लिखा हुआ

aho aho saanjha gosaee kehu kehu tuhee nav ….2
inndr govind mahendr yeho teeno tuhee nav .
teenon milee bhagat ke aagar haanth jaoor kaile jaay ….2 .
teenon milee deh aasheesh yug jee cheer jee .
yug jee cheer jee shree raamachandr
suhaag badhe seeta deee ke ….2 .
jehee ghar bahua sulakshan saanjh hee deep bare …2 .
pahila hee baareeh lakshmee ghar tab re rasoeeya ghar …..2 .
laal peear pahin shankha chudee abharan …2 .

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