गणेश चालीसा | Ganesh Chalisa lyrics | Meaning and 5 Powerful Benefits

Ganesh Chalisa lyrics in Hindi | गणेश चालीसा का अर्थ | गणेश चालीसा के फायदे | Lord Ganesha prayer


Ganesh Chalisa – full lyrics, meaning, benefits, how to recite

हिंदू धर्म में भगवान गणेश एक महत्वपूर्ण और प्रिय देवता हैं। वे विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं, जिसका अर्थ है सभी बाधाओं को हरने वाले। उन्हें बुद्धि, नई शुरुआत और समृद्धि का देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में, उनकी कृपा और सफलता के लिए सबसे पहले उनकी प्रार्थना की जाती है।

भगवान गणेश को समर्पित सबसे शक्तिशाली प्रार्थनाओं में से एक है गणेश चालीसा, जो 40 छंदों (चौपाई) का एक भक्तिमय स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के दिव्य रूप, गुणों और शक्तियों का सुंदर वर्णन करता है। सदियों से, भक्त इस पवित्र भजन का पाठ अपनी पढ़ाई में सफलता, व्यवसाय में समृद्धि और जीवन की चुनौतियों का साहस और कृपा से सामना करने के लिए करते आ रहे हैं।

इस संपूर्ण गाइड में, आपको भगवान गणेश की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने के लिए आवश्यक सब कुछ मिलेगा। हम गणेश चालीसा के पूर्ण पाठ, इसके गहन अर्थ, इसके पाठ के अविश्वसनीय लाभ, जप करने की सही विधि और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों का पता लगाएंगे।

In the heart of Hindu devotion stands a beloved deity, Lord Ganesha. Revered as the Vighnaharta, the remover of all obstacles, he is the god of wisdom, new beginnings, and prosperity. Before any auspicious venture, it is to him that we offer our first prayer, seeking his blessings for a smooth and successful journey.

Among the most powerful prayers dedicated to him is the Ganesh Chalisa, a devotional hymn of 40 verses (chaupais) that beautifully encapsulates his divine form, virtues, and powers. For centuries, devotees have recited this sacred hymn to find success in their studies, attract prosperity in business, and navigate the challenges of life with courage and grace.

In this complete guide, you will find everything you need to connect with the divine energy of Lord Ganesha. We will explore the full Ganesh Chalisa text, its profound meaning, the incredible benefits of its recitation, the correct method to chant it, and answers to frequently asked questions.

इन्हे भी पढे :

  1. Hanuman Chalisa Lyrics & Meaning
  2. लक्ष्मी पूजा गीत

श्री गणेश चालीसा (हिन्दी)

॥ दोहा ॥

जय गणपति सद्गुण सदन, कविवर बदन कृपाल ।

विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभ काजू ॥

जय गजबदन सदन सुखदाता । विश्वविनायक बुद्धि विधाता ॥

वक्रतुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजित मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चँवर सुधारे । मूषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहो जन्म शुभ कथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुँच्यो तुम धरि द्विज रूपा ॥

अतिथि जानि कै गौरि सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला । बिना गर्भ धारण, यहि काला ॥

गणनायक, गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम, रूप भगवाना ॥

अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै । पलना पर बालक स्वरूप ह्वै ॥

बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो । उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो ॥

कहन लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कह्यऊ ॥

पड़तहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा । बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरीं विकल ह्वै धरणी । सो दुख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यो कैलाशा । शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाये । काटि चक्र सो गज शिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो । प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम ‘गणेश’ शम्भु तब कीन्हे । प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई । रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश, कहि शिव हिय हरषे । नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई । शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा । जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीन पर कीजै । अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥

श्री गणेश यह चालीसा । पाठ करै कर ध्यान ॥

नित नव मंगल गृह बसै । लहे जगत सन्मान ॥

॥ दोहा ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचम दिनेश ।

पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश ॥


Shri Ganesh Chalisa (English Transliteration)

|| Doha ||

Jai Ganapati sadgun sadan, Kavivar badan kripal |

Vighna haran mangal karan, Jai Jai Girijalal ||

|| Chaupai ||

Jai Jai Jai Ganapati Ganaraju | Mangal bharan karan shubh kaaju ||

Jai gajbadan sadan sukhdata | Vishwavinayak buddhi vidhata ||

Vakratunda shuchi shunda suhavan | Tilak tripunda bhal mann bhavan ||

Rajit mani muktan ur mala | Swarna mukut shir nayan vishala ||

Pustak paani kuthar trishulam | Modak bhog sugandhit phulam ||

Sundar pitambar tann sajit | Charan paduka muni mann rajit ||

Dhani Shiva suvan shadanan bhrata | Gauri lalan vishwa-vidhata ||

Riddhi-Siddhi tav chanvar sudhare | Mushak vahan sohat dware ||

Kaho janma shubh katha tumhari | Ati shuchi paavan mangalkari ||

Ek samay Giriraj kumari | Putra hetu tapa keenha bhaari ||

Bhayo yagya jab purna anupa | Tab pahunchyo tum dhari dvija rupa ||

Atithi jaani kai Gauri sukhaari | Bahuvidhi seva kari tumhari ||

Ati prasanna hvai tum var deenha | Matu putra hit jo tap keenha ||

Milhi putra tuhi, buddhi vishala | Bina garbha dharan, yahi kaala ||

Gananayak, guna gyan nidhana | Poojit pratham, roop Bhagwana ||

As kahi antardhan roop hvai | Palna par balak swaroop hvai ||

Bani shishu, rudan jabahin tum thana | Lakhi mukh sukh nahin Gauri samaana ||

Sakal magan, sukhmangal gavahin | Nabh te suran, suman varshavahin ||

Shambhu, Uma, bahu daan lutavahin | Sur munijan, sut dekhan aavahin ||

Lakhi ati aanand mangal saaja | Dekhan bhi aaye Shani raja ||

Nij avgun guni Shani mann maahin | Balak, dekhan chahat naahin ||

Girija kachhu mann bhed badhayo | Utsav mor, na Shani tuhi bhayo ||

Kahan lage Shani, mann sakuchai | Ka karihau, shishu mohi dikhai ||

Nahin vishwas, Uma ur bhayau | Shani so balak dekhan kahyau ||

Padathin, Shani drig kona prakasha | Balak shir udi gayo akasha ||

Girija girin vikal hvai dharani | So dukh dasha gayo nahin varani ||

Hahakar machyo Kailasha | Shani keenhon lakhi sut ko nasha ||

Turat Garud chadhi Vishnu sidhaye | Kaati chakra so gaj shir laye ||

Balak ke dhad upar dharyo | Praan, mantra padhi Shankar daryo ||

Naam ‘Ganesh’ Shambhu tab keenhe | Pratham poojya buddhi nidhi, var deenhe ||

Buddhi pariksha jab Shiva keenha | Prithvi kar pradakshina leenha ||

Chale Shadanan, bharami bhulai | Rache baith tum buddhi upai ||

Charan Maatu-Pitu ke dhar leenhen | Tinke saat pradakshina keenhen ||

Dhani Ganesh, kahi Shiva hiya harshe | Nabh te suran suman bahu barse ||

Tumhari mahima buddhi badai | Shesh sahasmukh sake na gaai ||

Main matiheen maleen dukhari | Karahun kaun vidhi vinay tumhari ||

Bhajat Ramasundar prabhudasa | Jag Prayag, Kakra, Durvasa ||

Ab prabhu daya deen par keejai | Apni shakti bhakti kuch deejai ||

Shri Ganesh yah Chalisa | Paath karai kar dhyaan ||

Nit nav mangal grah basai | Lahe jagat sanmaan ||

|| Doha ||

Sambandh apne sahastra dash, Rishi pancham dinesh |

Puran Chalisa bhayo, Mangal murti Ganesh ||


गणेश चालीसा का सरल अर्थ

गणेश चालीसा का प्रत्येक छंद (चौपाई) भगवान गणेश के दिव्य गुणों का वर्णन करते हुए श्रद्धा और भक्ति की गहरी अभिव्यक्ति है। यह स्तोत्र उनकी बुद्धिमत्ता, असीम साहस, करुणा और अपने भक्तों की रक्षा करने की उनकी शाश्वत शक्ति पर प्रकाश डालता है।

संक्षेप में, गणेश चालीसा यह व्यक्त करती है:

  • आवाहन की शक्ति: किसी भी नए कार्य, काम या यात्रा को शुरू करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान करके, हम उसकी सफल और बाधा रहित पूर्ति सुनिश्चित करते हैं।
  • आशीर्वादों की वर्षा: चालीसा में उनकी स्तुति बुद्धि (बुद्धि), आध्यात्मिक उपलब्धियों (सिद्धि) और समृद्धि (रिद्धि) के दाता के रूप में की जाती है। वह अपने भक्तों को सांसारिक कठिनाइयों और दुखों से मुक्ति दिलाते हैं।
  • सकारात्मकता का कवच: इन छंदों का निरंतर पाठ करने से जपने वाले के चारों ओर सकारात्मकता का एक शक्तिशाली आभा मंडल बनता है, नकारात्मक ऊर्जा, भय और आत्म-संदेह दूर होते हैं। यह दिव्य रक्षक को हमारे हृदय में निवास करने और हमारा मार्गदर्शन करने का आह्वान है।

Benefits of Reciting Ganesh Chalisa

Chanting the Ganesh Chalisa with faith and devotion can bring about transformative changes in one’s life. Here are some of the key benefits:

  • obstacle-remover-icon Removes Obstacles:True to his name Vighnaharta, Lord Ganesha clears the path for his devotees, ensuring smooth progress in personal and professional life.
  • Boosts Memory & Concentration: The vibrations from the chant have a profound effect on the mind, sharpening intellect, improving focus, and enhancing memory. This makes it especially beneficial for students.
  • Brings Prosperity & Happiness: Reciting the Chalisa daily is a powerful prayer to invite the blessings of wealth, success, and domestic peace into your home.
  • Reduces Fear & Anxiety: The hymn acts as a spiritual shield, building inner strength, courage, and resilience. It helps calm the mind and alleviates stress, fear, and anxiety.
  • Deepens Spiritual Connection: Regular chanting purifies the soul, quiets the ego, and helps the devotee connect with the divine universal energy, leading to spiritual upliftment and inner peace.

गणेश चालीसा का पाठ कैसे करें

भक्ति सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, फिर भी एक साधारण अनुशासन का पालन करने से आपके पाठ का अनुभव और लाभ बढ़ सकता है।

पाठ के लिए सर्वोत्तम दिन: हालाँकि हर दिन अच्छा है, बुधवार को भगवान गणेश का प्रमुख दिन माना जाता है। मंगलवार और गणेश चतुर्थी का त्योहार भी अत्यधिक शुभ हैं।

पाठ का सर्वोत्तम समय: सबसे शक्तिशाली समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह जल्दी, सूर्योदय से ठीक पहले) या शाम को स्नान करने और दिन भर के काम से आराम करने के बाद होता है।

सरल अनुष्ठान:

  1. स्वयं को शुद्ध करें: स्नान करके और स्वच्छ, ताज़े कपड़े पहनकर शुरुआत करें।
  2. एक पवित्र स्थान बनाएं: अपने घर के एक स्वच्छ, शांत क्षेत्र में बैठें। यदि आपके पास घर का मंदिर या पूजा कक्ष है, तो वह आदर्श है। पूर्व या उत्तर की ओर मुख करें।
  3. प्रसाद अर्पित करें: एक दीया (घी या तेल का दीपक) और कुछ धूप जलाएं। प्रसाद के रूप में, आप भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रख सकते हैं। पारंपरिक प्रसाद में मोदक (उनका पसंदीदा मीठा), ताज़े फूल और दुर्वा घास शामिल हैं।
  4. भक्तिभाव से पाठ करें: शांत और एकाग्र मन से गणेश चालीसा का पाठ करें। शब्दों के अर्थ को अपने हृदय में उतरने दें।
  5. अपना इरादा निर्धारित करें: आप सामान्य कल्याण के लिए इसका पाठ कर सकते हैं या अपने हृदय में एक विशेष प्रार्थना रख सकते हैं।

कितनी बार पाठ करें:

  • दैनिक आशीर्वाद: निरंतर कृपा और सकारात्मक शुरुआत के लिए प्रतिदिन एक बार पाठ करें।
  • विशेष प्रार्थनाएँ: किसी विशेष इच्छा को पूरा करने या किसी बड़ी बाधा को दूर करने के लिए, आप इसे एक ही बैठक में 11, 21 या 108 बार पाठ करने का संकल्प (संकल्प) ले सकते हैं या इसे प्रतिदिन 21 या 41 दिनों तक पाठ करने का चक्र पूरा कर सकते हैं।

FAQ about Ganesh Chalisa

Q1: क्या मैं गणेश चालीसा का प्रतिदिन पाठ कर सकता हूँ? उत्तर: बिल्कुल! प्रतिदिन का पाठ अत्यंत शुभ और अनुशंसित है। यह मन की सकारात्मक और सुरक्षित स्थिति बनाए रखने और आपके जीवन में निरंतर आशीर्वाद लाने में मदद करता है।

Q2: किसी विशेष इच्छा के लिए मुझे इसका कितनी बार जाप करना चाहिए? उत्तर: सामान्य कल्याण के लिए, दिन में एक बार पर्याप्त है। एक विशेष, हार्दिक इच्छा (मनोकामना) के लिए, एक पारंपरिक अभ्यास है कि इसे एक ही बैठक में 108 बार जपा जाए या इसे प्रतिदिन 21 या 41 दिनों तक जप करने का चक्र पूरा किया जाए।

Q3: क्या छात्र वास्तव में गणेश चालीसा के जाप से लाभ उठा सकते हैं? उत्तर: हाँ, बहुत अधिक। भगवान गणेश बुद्धि विधाता (बुद्धि के देवता) हैं। चालीसा का जाप एकाग्रता में सुधार, स्मृति प्रतिधारण को बढ़ाने और परीक्षाओं से जुड़े तनाव और चिंता को दूर करने के लिए जाना जाता है, जिससे बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन होता है।

Q4: क्या लाभ प्राप्त करने के लिए प्रत्येक शब्द का पूरा अर्थ जानना आवश्यक है? उत्तर: हालाँकि अर्थ को समझने से आपकी भक्ति और संबंध निश्चित रूप से गहरा होता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। चालीसा की पवित्र ध्वनि कंपन अपने आप में शक्तिशाली हैं। सच्ची श्रद्धा और एक ईमानदार हृदय से जाप करना सबसे महत्वपूर्ण है।


निष्कर्ष

गणेश चालीसा मात्र एक प्रार्थना से कहीं अधिक है; यह एक दिव्य कुंजी है जो ज्ञान, शांति और समृद्धि के द्वार खोलती है। यह उन बाधाओं को दूर करने का एक शक्तिशाली उपकरण है जो हमारे रास्ते में खड़ी हैं, बाहरी रूप से और हमारे अपने मन के भीतर भी।

याद रखें, इस भजन की सच्ची शक्ति इसके पाठ की संख्या में नहीं, बल्कि उस श्रद्धा और भक्ति में निहित है जिसके साथ इसे अर्पित किया जाता है। भगवान गणेश के शक्तिशाली आशीर्वाद के साथ अपने दिन की शुरुआत करें और देखें कि आपका जीवन सकारात्मकता, सफलता और कृपा से कैसे बदल जाता है।

जय गणेश!

To read more about Ganesh Ji must visit Wikipedia page.

Leave a Comment